tag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post8889894657510997254..comments2023-04-27T03:27:45.582-07:00Comments on ज़िन्दगी: शमशान के सन्नाटे में ......अनुपम अग्रवालhttp://www.blogger.com/profile/14259746714891353242noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-14407661116527746242017-07-04T07:01:52.365-07:002017-07-04T07:01:52.365-07:00I wish to visit your blog but it says that it is b...I wish to visit your blog but it says that it is by invitation onlyअनुपम अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/14259746714891353242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-87338955005526281452015-02-15T05:25:21.555-08:002015-02-15T05:25:21.555-08:00नमश्कार अनुपम जी! आपकी कविताएँ काफ़ी सुंदर है| आप ...नमश्कार अनुपम जी! आपकी कविताएँ काफ़ी सुंदर है| आप सचमुच तारीफ के पात्र है| परंतु आज कल आपने लिखना क्यों बंद कर दिया? आपकी नयी कविताओं का इंतेजार रहेगा|Hindi Shayarihttp://www.shayari.net.in/hindi-shayarinoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-63042205292512097012012-06-24T18:36:20.939-07:002012-06-24T18:36:20.939-07:00बेहद गहन रचना...............
सादर
अनुबेहद गहन रचना...............<br /><br />सादर<br />अनुANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-10026758639718569582012-06-24T06:53:12.562-07:002012-06-24T06:53:12.562-07:00कल 25/06/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी http://nayi-pu...<i><b> कल 25/06/2012 को आपकी यह पोस्ट <a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.in" rel="nofollow"> नयी http://nayi-purani-halchal.blogspot.in (दीप्ति शर्मा जी की प्रस्तुति में) </a> पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .<br />धन्यवाद! </b></i>Yashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-64205522897307675652012-05-22T19:32:03.764-07:002012-05-22T19:32:03.764-07:00काफी समय से आप लिख नहीं रहे ...शुभकामनायें आपको !काफी समय से आप लिख नहीं रहे ...शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-13931058093351554742012-03-08T18:42:59.133-08:002012-03-08T18:42:59.133-08:00आपकी कविता का सत्य है स्मशान विराग । घर जाते ही फि...आपकी कविता का सत्य है स्मशान विराग । घर जाते ही फिर शुरु हो जाती है नून तेल लकडी । आदमी को वास्तव का भान दिलाने वाली कविता ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-6831509064105547412011-09-15T07:36:08.179-07:002011-09-15T07:36:08.179-07:00शमशान तक का प्रवास तो सभी को करना है । एक कडवा सच ...शमशान तक का प्रवास तो सभी को करना है । एक कडवा सच है आपकी कविता में । आप जो कह रहे हैं उसे स्मशान वैराग्य़ भी कहते हैं । घर वापिस आये और फिर वही माया, मोह, ईर्षा, द्वेष ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-13417243209443508892011-07-10T05:53:07.124-07:002011-07-10T05:53:07.124-07:00sundar rachna...sundar rachna...Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-60328827742129141432011-06-01T20:16:34.246-07:002011-06-01T20:16:34.246-07:00टिप्पणी देकर प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बहुत शु...टिप्पणी देकर प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-42624558943666070142011-02-01T10:16:22.391-08:002011-02-01T10:16:22.391-08:00सच्चाई को वयां करती हुई अत्यंत मार्मिक रचना , बधाई...सच्चाई को वयां करती हुई अत्यंत मार्मिक रचना , बधाई.Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-14490730989419479222011-01-25T05:35:59.198-08:002011-01-25T05:35:59.198-08:00शमशान वैराग्य कहते हैं इसे...शमशान से बाहर आते ही ...शमशान वैराग्य कहते हैं इसे...शमशान से बाहर आते ही फिर से इस दुनिया में खो जाते हैं...बेहतरीन रचना है ये आपकी...मेरी बधाई स्वीकारें...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-79218106486448500462010-11-28T11:14:13.914-08:002010-11-28T11:14:13.914-08:00भाई मेरे ये भी रूप है आपकी शायिरी का ?
इस बीच ......भाई मेरे ये भी रूप है आपकी शायिरी का ?<br /><br />इस बीच .........<br /><br />दुनियां ने तेरी याद से बेगाना कर दिया <br />तुझसे भी दिलफरेब हैं गम रोज़गार के ...<br /><br />की हालत रही .<br />बड़े रोग भी तो पाल रखे हैं .<br />अक्सर आजकल आप जैसे प्यारों के दर पर लिखा झाँक ले पाता था और दस्तखत किये बिना ही चला जाता था .वैसे मेरा कहा कोई पहले से दर्ज किये रहता था .<br /><br />आज का रंग हकीकी है .<br />दिल तो छुआ करते ही थे आज दिल और दिमाग भी .<br /><br />शुकरान !RAJ SINHhttps://www.blogger.com/profile/01159692936125427653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-6021824800812315862010-11-28T11:11:41.396-08:002010-11-28T11:11:41.396-08:00भाई मेरे ये भी रूप है आपकी शायिरी का ?
इस बीच ......भाई मेरे ये भी रूप है आपकी शायिरी का ?<br /><br />इस बीच .........<br /><br />दुनियां ने तेरी याद से बेगाना कर दिया <br />तुझसे भी दिलफरेब हैं गम रोज़गार के ...<br /><br />की हालत रही .<br />बड़े रोग भी तो पाल रखे हैं .<br />अक्सर आजकल आप जैसे प्यारों के दर पर लिखा झाँक ले पाता था और दस्तखत किये बिना ही चला जाता था .वैसे मेरा कहा कोई पहले से दर्ज किये रहता था .<br /><br />आज का रंग हकीकी है .<br />दिल तो छुआ करते ही थे आज दिल और दिमाग भी .<br /><br />शुकरान !RAJ SINHhttps://www.blogger.com/profile/01159692936125427653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-85792530815691423962010-08-05T23:43:55.160-07:002010-08-05T23:43:55.160-07:00anupam ji...aapne rachna mein jindagi ko aaina de ...anupam ji...aapne rachna mein jindagi ko aaina de diya!Parul kananihttps://www.blogger.com/profile/11695549705449812626noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-51432437230790373832010-03-10T00:21:29.313-08:002010-03-10T00:21:29.313-08:00एक अरसे बाद दस्तक दी आपने ......शमशान के ये सन्नाट...एक अरसे बाद दस्तक दी आपने ......शमशान के ये सन्नाटे एक नसीहत हैं ज़िन्दगी की ..... साथ कुछ नहीं जाता ....और जो हम छोड़ जाते हैं वो कुछ ऐसा हो जिसमें आपके लिए दुआ के चंद लफ्ज़ हों ...बाकि तो ये रुदन ,क्रंदन ,सिसकियाँ ,हिचकियाँ ही बचती हैं .....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-74148882406161382922010-03-01T03:07:06.851-08:002010-03-01T03:07:06.851-08:00Nishabd hoon....Nishabd hoon....sandhyaguptahttps://www.blogger.com/profile/07094357890013539591noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-32576161247182555822010-02-27T07:43:09.587-08:002010-02-27T07:43:09.587-08:00कुछ अलग सा! होली और मिलाद उन नबी की शुभकामनायेंकुछ अलग सा! होली और मिलाद उन नबी की शुभकामनायेंSatish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-58603565347435613212010-02-02T03:19:33.812-08:002010-02-02T03:19:33.812-08:00zindgi ke phalasphe ko
steek shabdoN meiN bayaan ...zindgi ke phalasphe ko <br />steek shabdoN meiN bayaan <br />karti huee sachchee rachnaa .daanishhttps://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-5964999332957069482010-01-28T03:20:19.771-08:002010-01-28T03:20:19.771-08:00देर लगी आने में तुमको ,शुक्र ये है की आये तो ........देर लगी आने में तुमको ,शुक्र ये है की आये तो ..........<br />लगता है शमशान साधना में रत थे .<br />तो उसका सुफल इस कविता की गहराई और उसकी सोच से उजागर ही हो रहा है .<br /><br />बधाई !RAJ SINHhttps://www.blogger.com/profile/01159692936125427653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-61452828681027002242010-01-27T22:01:20.494-08:002010-01-27T22:01:20.494-08:00मेरे ब्लॉग पर आने के लिए और टिपण्णी देने के लिए बह...मेरे ब्लॉग पर आने के लिए और टिपण्णी देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया! मेरे बाकि ब्लोगों पर भी आपका स्वागत है!<br />बहुत खूबसूरत रचना लिखा है आपने! गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-64712784776094070382010-01-27T06:05:09.226-08:002010-01-27T06:05:09.226-08:00जिंदगी का यथार्थ । मौत एक सत्य है पर हम इसको श्मसा...जिंदगी का यथार्थ । मौत एक सत्य है पर हम इसको श्मसान में जाकर ही मानने लगते हैं जैसे ही उससे बाहर निकलते हैं यह क्षणिक वैराग भी खत्म हो जाता है । फिर हम सोचने लगते हैं कि ये सब तो किसी और के साथ होता है ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-52059773880967539702010-01-24T04:59:38.966-08:002010-01-24T04:59:38.966-08:00ज़िंदगी के शाश्वत और अकाट्य सत्य को उजागर करती हुई ...ज़िंदगी के शाश्वत और अकाट्य सत्य को उजागर करती हुई यह आपकी हमेशा की तरह अनमोल कृति है आदरणीय अनुपम जी।बवालhttps://www.blogger.com/profile/11131413539138594941noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-5624086232613437562010-01-24T00:59:35.103-08:002010-01-24T00:59:35.103-08:00शमशान के सन्नाटे में,
यही मन में भाया ,
क्या इसी क...शमशान के सन्नाटे में,<br />यही मन में भाया ,<br />क्या इसी का नाम मोह था ,<br />इसी का नाम माया ?...<br /><br />सत्य और यथार्थ की धरातल पर लिखी अच्छी रचना ........ से के करीब लिखा है ..........दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-25158001791072566052010-01-23T10:15:23.199-08:002010-01-23T10:15:23.199-08:00शमशान के सन्नाटे में,
यही मन में भाया ,
क्या इसी क...<b>शमशान के सन्नाटे में,<br />यही मन में भाया ,<br />क्या इसी का नाम मोह था ,<br />इसी का नाम माया ?</b><br /><br />बहुत यथार्थवादी रचना है. शुभकामनाएं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-380484583782693290.post-3092759278081060212010-01-23T10:10:29.552-08:002010-01-23T10:10:29.552-08:00शमशान के सन्नाटे में ..
अपनी बारी का इंतजार करते ल...शमशान के सन्नाटे में ..<br />अपनी बारी का इंतजार करते लोग ,<br />न जाने कैसे -कैसे ज़िंदगी को रहे हैं भोग ...<br />अनुपम जी एक सचाई है आप की इस कविता मै.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.com