मंगलवार, 18 नवंबर 2008

मेरा आईना उनका दीवाना हो गया

आईने के सामने बैठाया उन्हें ,
मेरा आईना उनका दीवाना हो गया ।
लम्हा लम्हा समेटा था मैने कभी ,
जो बिख्ररा था, वो, अफ़साना हो गया।
गैरों की इनायत किससे कहें ,
जो अपना था ,वो, अन्जाना हो गया ।
सारी रात, कटी मेरी, आंखों में ,
यूं कयामत उनका सपना आना हो गया ।
यूँ तो शरमो हया के परदे थे ,
पलकॊं से , उनका,झपकाना खो गया ।
अरमाँ मचले,और फ़िर दिल में रहे ,
बेईमान था मौसम , सुहाना हो गया ।
हम किस की शिकायत किससे करें ,
दिल अपना था वो बेगाना हो गया ॥
मेरा आईना उनका दीवाना हो गया ,
मेरा आईना उनका दीवाना ...........

सोमवार, 3 नवंबर 2008

तुम भी दिलबर आना

मिलना जुलना भूल गए हैं ,क्या मिलना क्या मिलाना ,
दिल दिमाग में बसे हुए हैं , क्या आना क्या जाना ...
बिछड़ा था जब अपना था , मिला था --था बेगाना,
बात- बात में करा था उसने , मुझको भी दीवाना ...
भूली --बिसरी यादें उसकी ,सीखा था बिसराना,
याद आ गयी,शुरू किया जब फ़िर ख्वाबों में आना ...
सिसक-सिसक कर सोते हैं वो,गुपचुप गुपचुप रोते हैं वो ,
अजब-अजब से होते हैं वो, समझो दिल का आना ...
हर नस में इक अलग नशा है ,वो आए मैखाना ,
आए हैं , और रचे बसे हैं , किसे यहाँ से जाना ...
शमा जली थी हौले - हौले ,जलता है परवाना ,
शमा जली थी , हौले - हौले जलता है परवाना ,
तेरा ही तो नशा चढ़ा है , नशे से क्या घबराना ...
बलिदानों की मंद पिपासा , लै कर में शिर आना ,
कम्पित अधरों की अभिलाषा में चहुँदिश घिर जाना ,
स्वप्न सुरा के मदिरालय में ,मचल मचल गिर जाना ,
याद रहेगा तेरा मुझको , वादों से फ़िर जाना ...
झलक झलक कर दिल से खोने ,विद्रोही हैं स्वप्न सलोने ,
लगते हैं आंखों को धोने , उन सपनों में आना ...
मधुर मधुर अनुपम यादों में यूं, आंखों का भर आना ,
इन आंखों में सपने डूबे ,तुम भी दिलबर आना.....