मंगलवार, 17 मार्च 2009

फूलोँ की क्यारियों में ......मेरे ख्वाब ..

फूलों की क्यारियों में ,
हाथों में ले के हाथ |
नज़रों में ख्वाब ले के,
मह्केगें साथ साथ |

चाँदी की होंगी रातें ,
महुए की होगी छाँव |
वो दिलरुबा के वादों ,
कसमों का होगा साथ ||

एकांत में हो बातें ,
दरिया का हो किनारा |
बरसा करें घटाएं ,
अच्छा है उनका साथ ||

अरमाँ उन्हें बताएं ,
गोदी में रख के माथ |
अधरों पे प्यास ले के ,
दहकेंगे साथ -साथ ||

पलकें हों ऐसे भारी ,
बोझिल फलों से डाली |
झूमेगा जब भी ये मन ,
बहकेंगे साथ -साथ ||

हो चाँदनी भी रौशन ,
वो जब भी पास आयें |
जी भर करेंगे बातें ,
चहकेंगे साथ- साथ ||

मेरे ख्वाब उनको
लायेंगे मेरे साथ -साथ....
फूलों की क्यारियों में ,
हम होंगे साथ -साथ .......

32 टिप्‍पणियां:

Prakash Badal ने कहा…

बड़े दिनों बाद आए मगर छा गये सर महक गया मैं और मेरा दिलो दिमाग, खूबसूरत रचना बिल्कुल आपके चित्र की तरह ही मनभावन। मेरी बधाई।

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

चाँदी की होंगी रातें ,
महुए की होगी छाँव |
वो दिलरुबा के वादों ,
कसमों का होगा साथ ||

Anupam ji, chandi aur mahuye ki kya upmayen di hain...bhot khoob...!!

बेनामी ने कहा…

चाँदी की होंगी रातें ,
महुए की होगी छाँव |
वो दिलरुबा के वादों ,
कसमों का होगा साथ ||
waah bahut khubsurat bhav,sidhe di mein utar gaya.

राज भाटिय़ा ने कहा…

मेरे ख्वाब उनको
लायेंगे मेरे साथ -साथ....
फूलों की क्यारियों में ,
हम होंगे साथ -साथ .......
बहुत ही सुंदर, कई बार पढी आप की यह कविता.
आप क धन्यवाद

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत खूबसूरत जी.

रामराम.

Puneet Sahalot ने कहा…

bahut hi pyaar bhari rachna...

"पलकें हों ऐसे भारी ,
बोझिल फलों से डाली |
झूमेगा जब भी ये मन ,
बहकेंगे साथ -साथ ||"

:)

Mumukshh Ki Rachanain ने कहा…

देर ए पर दुरुस्त आये.......................

फूलों की क्यारियों में ,
हाथों में ले के हाथ |
नज़रों में ख्वाब ले के,
मह्केगें साथ साथ |

महका दिया खुशबुओं से ब्लॉग जगत को.
सुन्दर भाव, सुन्दर रचना.

कडुवासच ने कहा…

मेरे ख्वाब उनको
लायेंगे मेरे साथ -साथ....
फूलों की क्यारियों में ,
हम होंगे साथ -साथ .......
.... प्रसंशनीय अभिव्यक्ति !!!!

बेनामी ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत !

मयंक ने कहा…

अमां मान गए जनाब...ब्लॉग जगत के सुपरस्टार कवि हैं आप...लिखेंगे कम पर होगा दम....बिल्कुलै आमिर खान स्टाइल

कंचन सिंह चौहान ने कहा…

वाह...! बहुत ही खूबसूरत और नाज़ुक कविता...उतनी ही जितना खूबसूरत इस कविता में ख्वाब है..!

बेनामी ने कहा…

भावपूर्ण उत्तम रचना. आभार.

daanish ने कहा…

एकांत में हो बातें ,
दरिया का हो किनारा |
बरसा करें घटाएं ,
अच्छा है उनका साथ

बहुत ही खूबसूरत और मन-भावन गीत लिखा है ..
एक-एक पंक्ति में गीत की गरिमा-मय परंपरा को
भी सलीके से निभाया गया है ...
बधाई
---मुफलिस---

विक्रांत बेशर्मा ने कहा…

एकांत में हो बातें ,
दरिया का हो किनारा |
बरसा करें घटाएं ,
अच्छा है उनका साथ ||

प्यार के एहसासों से भरी प्यारी रचना ....बहुत खूब !!!!!!!!!

BrijmohanShrivastava ने कहा…

प्रकृति का सजीव चित्रण

बवाल ने कहा…

मेरे ख्वाब उनको
लायेंगे मेरे साथ -साथ....
फूलों की क्यारियों में ,
हम होंगे साथ -साथ .......
ये ब्बात है !!! वाह वाह अनुपमजी, दिल जीत गए। लाजवाब बात कही आपने।

नीरज गोस्वामी ने कहा…

पलकें हों ऐसे भारी ,
बोझिल फलों से डाली |
झूमेगा जब भी ये मन ,
बहकेंगे साथ -साथ ||

बेमिसाल शब्द चयन और लाजवाब भाव....वाह...
नीरज

"अर्श" ने कहा…

bahot khub... kmaal ki rachana..

arsh

इष्ट देव सांकृत्यायन ने कहा…

bahut khoob.

अभिषेक मिश्र ने कहा…

चाँदी की होंगी रातें ,
महुए की होगी छाँव |...

जी भर करेंगे बातें ,
चहकेंगे साथ- साथ ||

Bahut hi sundar bhav.

sandhyagupta ने कहा…

Bahut khub likha hai..

द्विजेन्द्र ‘द्विज’ ने कहा…

KHoobsoorat KHwaab dikhaane kiye shukriyaa.
kavitaa to KHoobsoorat hai hee

गर्दूं-गाफिल ने कहा…

चाँदी की होंगी रातें ,
महुए की होगी छाँव |
वो दिलरुबा के वादों ,
कसमों का होगा साथ ||
bhut sunder .
मनभावन। सुन्दर भाव, सुन्दर रचना.प्रसंशनीय अभिव्यक्ति,नाज़ुक प्यारी रचना

Harshvardhan ने कहा…

nice post hai......

Udan Tashtari ने कहा…

चाँदी की होंगी रातें ,
महुए की होगी छाँव |
वो दिलरुबा के वादों ,
कसमों का होगा साथ ||

-अति सुनर भावावक्ति!!

RAJ SINH ने कहा…

ANUPAM BHAYEE ,

HAMESHA KEE TARAH EK ALAG TAZGEE .

NAZRON ME KHWAB LEKE MAHKENGE SATH SATH ..........
ARMAN UNHEN BATAYEN GODEE ME RAKH KE MATH ......

DAHKEN NA DAHKEN ,PAR ADHRON PE PYAS TO AA HEE JATEE HAI AISEE GAHREE ABHIVYAKTI PAR .
AAPKE LIKHE KA PEECHA KARTA HOON PAR BADA INTEZAR KARATE HAIN .
MAFEE CHAHUNGA PADHNE KA AANAND TO PAHLE HEE LE LIYA THA PAR VAPAS ABHEE US ME HOON AUR JARA VYAST HO GAYA .MITHAS KE IZHAR ME VAQT LAG GAYA . AGLEE RACHNA KEE PRATIKCHA HAI ...........KI FIR MAN JHOOME .......AUR KUCH BAHAK BHEE LEN !

sandhyagupta ने कहा…

Bahut dino se kuch naya post nahin kiya aapne?

Urmi ने कहा…

मुझे आपका ब्लोग बहुत अच्छा लगा ! बहुत शानदार लिखा है आपने !

RAJ SINH ने कहा…

अनुपम जी !

अब तो शिकायत ही समझ लेन . बहुत ज्यादा ही इन्तेज़ार करा रहे हैन .

क्या खता हमसे हुयी जो ’ पोस्ट’ देना बन्द है .
रेलवे हडताल या फ़िर डाक खाना बन्द है.
या कहीन कुच ’प्रेरना’ का मामला है अधर मे
या कहीन दूबे पडे हो प्रेरणा का जाल है !

लिखा कम समझना ज्यादा .........

सइन्तेज़ार ..........बेकरार
अब तो कुछ सुनाओ यार !

अभिषेक मिश्र ने कहा…

Aapki agli post mein kafi samay lag raha hai!

Udan Tashtari ने कहा…

आजकल लिखना स्थगित है क्या जी?

नियमित लिखें ..निवेदन है.

अभिषेक मिश्र ने कहा…

Phulon ki kyarion mein khwab se ab jaag bhi jaayein, aur agli post padhvayein.