मेरे दिल दिमाग पर ही , छाया है तेरा वजूद |
मै जगता हूँ या हूँ सोता , तुझे ढूँढता हूँ मै ||
न जाने किस तरह से , तूने ले लिया मेरा नाम |
उस नाम की ध्वनि में , तुझे ढूँढता हूँ मै ||
रातों को अक्सर आते , ही हैं तेरे अक्स और ख्वाब |
सुबह को आंख खुलने पर , तुझे ढूँढता हूँ मैं ||
ठंडी हवा की खुशबू में, कुछ है तेरा अहसास |
उस खुशबू और खुमारी में , तुझे ढूँढता हूँ मैं ||
काली और स्याह रातों , को जो ख़त्म करेगी |
सुंदर , सुनहरी किरणों में , तुझे ढूँढता हूँ मैं ||
धरती पे बिछ गयी है, चादर जो चांदनी |
उस चांदनी की रोशनी में , तुझे ढूँढता हूँ मैं ||
मेरे दिल के सागरों में , तेरा नाम देता लहरें |
लहरों की वादियों में , तुझे ढूँढता हूँ मैं ||
मेरे दिल दिमाग पर ही .........
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19 टिप्पणियां:
अच्छा लिखा है. बधाई स्वीकारें.
स्वागत
काली और स्याह रातों , को जो ख़त्म करेगी |
सुंदर , सुनहरी किरणों में , तुझे ढूँढता हूँ मैं ||
Acchi lagi panktiyan aapki. Shubhkaamnayein aur Swagat.
रातों को अक्सर आते , ही हैं तेरे अक्स और ख्वाब |
सुबह को आंख खुलने पर , तुझे ढूँढता हूँ मैं ||
बहुत ही सुंदर रचना.......
सर जी /मै बहुत शर्मिन्दा हूँ जो इनते अच्छे रचना कार के ब्लॉग पर इतने विलंब से आया /अपराध की क्षमा मागते हुए निवेदन ==मै इस रचना की सुन्दरता का इसके भावः इसकी गंभीरता की कैसे तारीफ करूं उसे ढूंढ़ना बस यही एक लक्ष्य / उसका वजूद ढूंढ़ना ,ध्वनी में ढूंढ़ना ,सूबह आँख खुलने पर ,और त्रिविध समीर मै ,सुंदर और सुनहरी चांदनी में ,लहरों में =एक एक शब्द क्या सलमा सितारे जैसा जड़ा है /आपके ब्लॉग पर जाते ही और आपके दर्शन करते ही एक आत्मानुभूती हुई और तभी मैं समझ गया था कि बिल्कुल सही जगह पर आ गया हूँ/
दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएं /दीवाली आपको मंगलमय हो /सुख समृद्धि की बृद्धि हो /आपके साहित्य सृजन को देश -विदेश के साहित्यकारों द्वारा सराहा जावे /आप साहित्य सृजन की तपश्चर्या कर सरस्वत्याराधन करते रहें /आपकी रचनाएं जन मानस के अन्तकरण को झंकृत करती रहे और उनके अंतर्मन में स्थान बनाती रहें /आपकी काव्य संरचना बहुजन हिताय ,बहुजन सुखाय हो ,लोक कल्याण व राष्ट्रहित में हो यही प्रार्थना में ईश्वर से करता हूँ ""पढने लायक कुछ लिख जाओ या लिखने लायक कुछ कर जाओ "" कृपा बनाए रखें /
बेहतरीन रचना सुंदर पंक्तियाँ और गहरे भाव बधाई आपका चिठ्ठा जगत में स्वागत है , निरंतरता की चाहत है मेरे ब्लॉग पर पधारे
sir jee
jab tak tha dam me dam na dabe aasma se ham
jab dam nikal gya to jami ne daba liya
aapki pankiyan naye pan ka ahsas karwati hain
diwali ki shubhkaamnayin.
सुन्दर!
मेरे दिल के सागरों में , तेरा नाम देता लहरें |
लहरों की वादियों में , तुझे ढूँढता हूँ मैं ||
" so emotional and touching..... really liked reading it"
yhan vhan,na jane kub khan khan,
ruh ke gehareyon se bus thuje dundtha hun main.....
regards
बहुत सुन्दर रचना
बढ़िया है जी।
पचास साल की जिन्दगी में कहने को कुछ गद्य में भी होगा। उस विधा का भी प्रयोग करें - अच्छा लगेगा।
धन्यवाद।
sundar abhivyakti......
लिखना जारी रहे।
accha lga aapka blog.bdhai
ठंडी हवा की खुशबू में, कुछ है तेरा अहसास |
उस खुशबू और खुमारी में , तुझे ढूँढता हूँ मैं ||
अच्छी लाइने हैं .आपकी रचनाओं में लालित्य भी है और भाव भी .
बधाई .
सफर आपका जारी रहे, आपका हर शेर हर रचना और पे भारी रहे।
Nice poen...
मेरे दिल दिमाग पर ही , छाया है तेरा वजूद |
मै जगता हूँ या हूँ सोता , तुझे ढूँढता हूँ मै ||
Man yhi harpal yaad karta hai...kisi ko.
Ragards.
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